How Is Your Heart Doing?

Author
Omid Safi
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Image of the Weekआपका मन कैसा है?
-- ओमिद साफी (२४ जून, २०१६)

कई मुस्लिम संस्कृतियों में, जब आप किसी से पूछना चाहते हैं कि वो कैसे हैं, तो आप पूछते हैं: अरबी में, कैफ हाल-इक? या, फारसी में, हाल-ए शोमा चेतोरे? आपका हाल कैसा है?

ये हाल क्या चीज़ है जिसके बारे में आप पूछताछ कर रहे हैं? यह किसी के दिल की क्षणिक स्थिति है। असल में, हम पूछते हैं, "इस पल में, इस सांस में आपका मन कैसा है?” जब मैं पूछता हूँ, "आप कैसे हैं?" वास्तव में मैं यह जानना चाहता हूँ।

मैं यह नहीं पूछ रहा हूँ कि आपके कामों की लिस्ट में कितने काम हैं, न ही मैं पूछ रहा हूँ कि आपके इनबॉक्स में कितनी मेल हैं। मैं जानना चाहता हूँ कि ठीक इस पल में आपका मन कैसा है। मुझे बताओ। मुझे बताओ कि तुम्हारा मन प्रसन्न है, मुझे बताओ कि तुम्हारा मन दुखता है, मुझे बताओ कि तुम्हारा मन उदास है, मुझे बताओ कि तुम्हारा मन एक मानव स्पर्श के लिए तरस रहा है। अपने मन की जांच करो, अपनी आत्मा को टटोलो, और फिर मुझे अपने मन और अपनी आत्मा के बारे में कुछ बताओ।

मुझे बताओ कि तुम्हें याद है कि तुम अब भी एक जीते जागते इंसान हो, न सिर्फ एक काम करते इंसान। मुझे बताओ कि तुम सिर्फ एक वो मशीन नहीं हो जो अपने कामों की लिस्ट में काटे लगा रही है। वो बातचीत करो, वो नज़र मिलाओ, वो स्पर्श करो। एक मर्मस्पर्शी बातचीत बनो, अनुग्रह और उपस्थिति से भरी हुई।

अपना हाथ मेरी बांह पर रखो, मेरी आँखों में झाँक कर देखो, और एक सैकंड के लिए मुझसे जुड़ो। मुझे अपने मन के बारे में कुछ बताओ, और मेरे मन को जगाओ। मुझे याद करने में मदद करो कि मैं भी एक भरपूर और पूर्ण इंसान हूँ, एक वो इंसान जो एक मानव स्पर्श के लिए तरसता है।

मैं एक विश्वविद्यालय में पढ़ाता हूँ जहाँ बहुत से विद्यार्थी "ज़ोरों से पढ़ो, ज़ोरों से मस्ती करो” की जीवन शैली पर गर्व करते हैं। यह हममें से कई लोगों की जीवन शैली और हमारे व्यस्तता की झलक हो सकती है - कि हमारे आराम करने के साधन भी अपने आप में उसी उत्तेजनाभरे जीवन की झलक हैं। हमारा विश्राम अक्सर एक्शन से भरी (बेमतलब) फिल्मों, या हिंसक और तेजी से भरे खेलों का रूप ले लेता है।

मेरे पास कोई जादुई समाधान नहीं हैं। मुझे सिर्फ इतना पता है कि हम वास्तव में एक मानव जीवन जीने की क्षमता खो रहे हैं।
हमें काम और टेक्नोलॉजी के साथ एक अलग रिश्ता बनाने की जरूरत है। हम जानते हैं कि हम क्या चाहते हैं: एक सार्थक जीवन, समुदाय की भावना, एक संतुलित अस्तित्व। यह बस "एक ओर झुकाव" या और तेज़ आईफ़ोन की बात नहीं है। हम वास्तव में मानव बनना चाहते हैं।

डब्ल्यू बी यीट्स ने एक बार लिखा था, "एक सैनिक के युद्ध के मैदान में लड़ने की तुलना में अपनी आत्मा के अंधेरे कोनों की जांच करने में अधिक साहस की ज़रूरत होती है।"

हम अपनी आत्मा के अंधेरे कोनों की जांच ठीक किस प्रकार कर सकते हैं जब हम इतने व्यस्त हैं? हमें जांची हुई जिंदगी को कैसे जीना है?

मैं चाहता हूँ कि हमारा जीवन ऐसा हो जहां हम ठहर सकते हों, एक दूसरे की आँखों में देख सकते हों [...} और एक साथ पूछ-ताछ कर सकते हों: कि मेरा मन ऐसा है।[...]

आज तुम्हारे मन का क्या हाल है?

चलो हम ऐसे इंसान से इंसान के सम्बन्ध पर ज़ोर दें जहाँ जब हममें से कोई यह कहकर जवाब देता है, "मैं सिर्फ बहुत व्यस्त हूँ," तो हम उससे ये कहें, "मुझे पता है, प्रिय। हम सभी व्यस्त हैं। लेकिन मैं जानना चाहता हूँ कि तुम्हारा मन कैसा है।”

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: जब आप इस बात पर विचार करते हैं कि आपका मन कैसा है तो क्या उभरकर आता है? क्या आप कोई व्यक्तिगत अनुभव बांटना चाहेंगे जब आप व्यस्तता से पार अपने मन की स्थिति में जा सके हों? अपनी आत्मा के अंधरे कोनों की जाँच करने में आपको किस साधना से मदद मिलती है?

ओमिद साफी ड्यूक विश्वविद्यालय के इस्लामिक अध्ययन केंद्र के निर्देशक है। वो पहले इस्लाम के अध्ययन के अध्यक्ष रह चुके हैं, और अमरीकी धर्म अकादमी में इस्लामी रहस्यवाद समूह के वर्तमान अध्यक्ष हैं। ऊपरी लेख ऑन बीइंग ब्लॉग से लिया गया है।









 

Omid Safi is Director of Duke University's Islamic Studies Center. He is the past Chair for the Study of Islam, and the current Chair for Islamic Mysticism Group at the American Academy of Religion. Reading above is excerpted from the OnBeing blog.


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