Keeping The Smoke Hole Open


Image of the Weekअपने धूम्र छिद्र को खुला रखें।
(जागृति ( अवेकनिंग) खोजें , अलगाव नहीं)
मार्टिन शॉ द्वारा


साइबेरियन कल्पित कथा है की किसी को तकलीफ पहुँचाना चाहते हैं तो आप उसके धूम्र छिद्र को बंद कर देते हैं।
इसके करने से वो प्रभु कृपा नहीं पायेंगे।
जैसे ही आपका धूम्र छिद्र बंद हुआ ,आपका दिव्या जगत से नाता टूट गया। पहाड़ों , नदियों वृक्षों से नाता टूट गया।
धूम्र छिद्र के बंद होते ही जैसे हम पागल हो जाते हैं।
धूम्र छिद्र के बंद ही जैसे हम अपने आप के , सिर्फ अपने आप के अधीन हो जाते हैं।
धूम्र छिद्र के बंद होते ही, साथ देने के लिए सिर्फ चिंता एवं अवसाद रह जाते हैं।
बहुत हुआ, हम सयाने लोग हैं। एक छन साँस तो लें।
हो सकता है हमें एकांत तलाश करना पड़े, परन्तु अद्भुत , आर्श्चर्यजनक से दूर न जाएं
उच्च सतर्कता समय की जरूरत है , और ये सही भी है, पर हम उस सत्य से दूर भी नहीं हैं , कि संस्कृति अनुसार हम गहन कल्पित स्थान में प्रवेश कर रहे हैं.
हम अपने नित्य कर्मों , व्यवसायों को भूल रहे हैं । कोई भी कहानी इस तरह शुरू नहीं होती है।
किस बदलाव की, किस गहराई की आवश्यकता है ? हमने अपनी किस अच्छाई को भुला दिया है, जिससे हमेंजुड़ने की आवश्यकता है?
बहुत ज़रूरी है की हम अपने अवशेष को देखें।
क्या हम अपनी आत्मा से अपना पुराना रिश्ता कायम कर सकते हैं।
आपको यह मेरे बताने की आवश्यकता नहीं की आप अपने धूम्र छिद्र को कैसे खुला रखें। आपके पास असंख्य उपाय हैं।
हम विषाणु , अलग रहना, वैश्विक महामारी जैसे शब्दों से भरे पड़े हैं , और ये सभी किसी वास्तविकता की ओर इशारा भी कर रहे हैं। किसी हद तक हमें उनकी संघात्मक तकलीफ की आवश्यकता भी है।
पर जब भी आप ये शब्द कहते हैं तो मानो आपकी जिह्वा पर मकई ऊग गई हो।
इन सबों में अच्छाई कहाँ से उभर रही है?
ये कुछ भाग में सही प्रतिक्रिया भी है। पर इस दुःख का पूर्ण वजन शायद हमारी प्रार्थना करने की चटाई बुनने में है।
इसके पहले की हम संपूर्ण विश्व को अपने क्रोध की अग्नि में जला दें, क्या हम इसमें समूहिक जागरण की तलाश कर सकते हैं ?
किसी दृष्टि के लिए प्रार्थना कर सकते हैं ?
यही तो हमने सदैव किया है।

मनन के लिए बीज प्रश्न : इस धूम्र छिद्र के दृष्टांत को, हम अपने छोटे से अहं से परे जहान से, कैसे जुड़ा मानते हैं? अलगाव में रहते हुए , अद्भुत, आश्चर्यजनक से जुड़े रहने में क्या चीज़ मदद करती है? आप अपनी आत्मा के कौन से पुराने सम्बन्ध को दोबारा जागृत कर रहे हैं?
 

Excerpted from Emergence Magazine.


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