Creative Living


Image of the Weekरचनात्मक जीवन
-- एलिज़ाबेथ गिल्बर्ट द्वारा लिखित (३१ मई, २०१६)

यह, मेरा विश्वास है कि एक वो केंद्रीय सवाल है जिस पर सारे रचनात्मक जीवन टिके हैं: क्या आपमें अपने अंदर छिपे खजानों को सामने लाने का साहस है?

देखिये, मैं नहीं जानती कि आप के भीतर क्या छिपा हुआ है। [...] खुद आपको भी शायद ही मालूम हो, हालांकि मुझे लगता है आपने उसकी कुछ झलकें देखी हैं। मैं आपकी क्षमताओं, आपकी आकांक्षाओं, आपकी लालसाओं, आपकी गुप्त प्रतिभाओं के बारे में नहीं जानती। लेकिन निश्चित रूप से आपके अंदर कुछ छिपा है। मैं यह पूरे विश्वास के साथ कहती हूँ, क्योंकि मेरा मानना ​​है कि हम सब चलते-फिरते गढे खजानों के भण्डार हैं। मेरा मानना ​​है कि यह सबसे पुरानी और सबसे अधिक उदार चालों में से एक है जो यह ब्रह्मांड हम मनुष्यों पर चलता है, दोनों अपने खुद के और हमारे मनोरंजन के लिए: यह ब्रह्मांड हम सब के भीतर अजीब रत्न गाढ़ देता है, और फिर पीछे हटकर देखता है कि क्या हम उन्हें ढूंढ पाते हैं।
उन रत्नों को ढूंढ निकालना - वही रचनात्मक जीवन है। उस खोज की राह पर चलने की हिम्म्तत - वही एक आम जीवन को एक जादुई जीवन से अलग करती है।

आमतौर पर इस खोज से होने वाले आश्चर्यजनक परिणाम - उन्हीं को मैं महान जादू पुकारती हूँ।

जब मैं यहाँ "रचनात्मक जीवन” की बात करती हूँ, तो कृपया यह समझें कि मैं ऐसा जीवन जीने की बात नहीं कर रही हूँ जो पेशे से या विशेष रूप से कला के प्रति समर्पित हो। [...] जब मैं "रचनात्मक जीवन," की बात करती हूँ, मैं मोटे तौर पर बात कर रही हूँ। मैं एक ऐसा जीवन जीने की बात कर रही हूँ जो डर की बजाए जिज्ञासा से अधिक प्रेरित हो।

पिछले कुछ सालों में रचनात्मक जीवन की एक सबसे अच्छी मिसाल जो मैंने देखी है, उदहारण के लिए, मेरी सहेली सूज़न से मिली, जिसने ४० साल की उम्र में फिगर स्केटिंग करना शुरू किया। सही तो यह है कि उसे पहले से ही स्केट करना आता था। उसने बचपन में फिगर स्केटिंग की प्रतियोगिताओं में भाग लिया था, लेकिन किशोरावस्था के दौरान उसने इस खेल को छोड़ दिया जब यह स्पष्ट हो गया कि उसमें एक चैंपियन होने के लिए पर्याप्त प्रतिभा नहीं थी।

फिर अगले २५ सालों तक सूज़न ने स्केट नहीं किया। फिर वह 40 साल की हो गई। वह बेचैन थी। वह नीरसता और भारीपन महसूस करने लगी। उसने खुद से पूछा कि पिछली बार कब उसने वास्तव में हल्कापन और खुशी महसूस की थी - हाँ - उसे अपने अंदर रचनात्मकता को महसूस किया था। उसे हैरानी हुई, जब उसने यह जाना कि इस तरह की भावनाऐं आखिरी बार उसने तब महसूस की थीं जब वह एक किशोरी थी, उन दिनों में जब वह अभी भी स्केटिंग करती थी। वो यह जानकर हैरान हो गई कि उसने इस जीवन-पुष्टि करने वाले काम से अपने आप को इतने समय से वंचित रखा, और वह ये जानने के लिए उत्सुक हो गयी कि क्या वो अभी भी उससे उतना ही प्यार करती थी।

तो उस्ने अपनी जिज्ञासा का अनुसरण किया। उसने एक नई जोड़ी स्केट्स खरीदे, एक रिंक ढूँढा, एक कोच को नियुक्त किया। उसने अपने भीतर की आवाज को नजरअंदाज कर दिया जो उसे कह रही थी कि वह असंयमी और पागल हो रही है जो ऐसा निरर्थक काम कर रही है। उसने उन सभी छोटी-छोटी, नौ वर्षीय लड़कियों के साथ बर्फ पर अकेली मध्यम आयु वर्ग की महिला होने की आति आत्म-चेतना की भावनाओं को दबा दिया।

उसने बस स्केट किया।

सप्ताह में तीन सुबह, सूज़न सवेरा होने से पहले जागती और स्केटिंग के लिए जाती। और वो स्केट करती, स्केट करती और स्केट करती। और हाँ, यह उसे बहुत अच्छा लगा, पहले से भी ज़्यादा, क्योंकि अब एक वयस्क के रूप में, उसे खुद की खुशी के मूल्य की सराहना करने के लिए दृष्टिकोण था: स्केटिंग ने उसे जीवित और चिरयुवा होने का अहसास दिलाया। उसे ऐसा लगना बंद हो गया कि वो एक उपभोक्ता, और अपने दायित्वों और कर्तव्यों के जोड़ से ज्यादा कुछ नहीं है। वह खुद को कुछ बना रही थी, खुद के साथ कुछ कर रही थी ।

यह सचमुच एक क्रांति थी, जैसे उसने बर्फ पर फिर से जीवन का चककर लगा लिया।

कृपया ध्यान दें कि मेरी सहेली ने अपनी नौकरी नहीं छोड़ दी और किसी ओलम्पिक स्तर के कोच के साथ टोरंटो में सप्ताह में ७० घंटे स्केटिंग सीखना नहीं शुरू कर दिया। और नहीं, इस कहानी का अंत उसके कोई मैडल जीतने में भी नहीं होता। वास्तव में, इस कहानी का अंत होता ही नही, क्योंकि सूज़न अब भी फिगर स्केटिंग करती है - बस, क्योंकि स्केटिंग अभी भी उसे उसके जीवन में एक निश्चित सुंदरता और अतिक्रमण प्रकट करने का सबसे अच्छा तरीका है। यही वो है जिसे मैं रचनात्मक जीवन कहती हूँ।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: "रचनात्मक जीवन" से आप क्या समझते हैं? क्या आप कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँट सकते हैं जब आप अपने अंदर उस चीज़ को ढूंढ पाए हों जो आपको पूरी तरह से हल्का, खुश और रचनात्मक बनाता हो? आपको रचनात्मक जीवन को छूने में किस चीज़ से मदद मिलती है?

एलिज़ाबेथ गिलबर्ट की किताब, "बिग मैजिक” के कुछ अंश।
 

Excerpted from Elizebeth Gilbert's book "Big Magic."


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