Pronounce a Silent Blessing


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एक निःशब्द दुआ दो
-- बारबरा ब्राउन टेलर द्वारा लिखित (४ जून, २०१६)

"इस संसार के सुखों को एक दुआ के बिना चखना मना है।" -- तालमद से

मैं समझती हूँ कि दुआएं देने का मतलब समझने का सबसे अच्छा तरीका है कुछ दुआएं देना। यह अभ्यास खुद ही है आपको वो सिखा देगा जो आपको सीखने की ज़रूरत है।

शुरुआत किसी भी चीज़ से करें जो आपको पसंद हो। यहां तक ​​कि जमीन पर पड़ी एक डंडी भी चलेगी। पहला काम है उस पर ध्यान देना। [...]

जितने अधिक जागरूक आप बन जाते हैं, उतनी ही अधिक दुआएं आप पाते हैं।

अगर आप उस डंडी को कुछ समय तक देखते रहें, तो आप उसे अपनी खुद की कहानी में एक चरित्र बनाना शुरू कर देंगे। वो आपको अपने किसी जानकार, या फर्नीचर के एक पीस जिसको आपने किसी क्राफ्ट को-ऑपरेटिव में देखा था, उसकी याद दिलवाना शुरू कर देगी। ऐसे सम्बन्ध बनाने में कुछ गलत नहीं है, सिवाय इसके कि यह आपको डंडी से दूर और अपने आपकी ओर ले जाने लगेगा। किसी चीज़ को दुआ देने के लिए, यह महत्त्वपूर्ण है कि उसे वैसे का वैसा देखा जाए। उस डंडी के क्या फायदे हुए? क्या उस पर एक चिड़िया बैठी? क्या उस पर पत्तियां लगीं थीं जिन्होंने ज़मीन को गर्मी के तपते सूरज से ढककर रखा?

कम से कम, उसने गुरुत्वाकर्षण के नियम के विरुद्ध ज़मीन से पानी खींचकर, अपनी पत्तियों तक नमी पहुंचाने के इस गहरे रहस्य में भाग लिया। एक डंडी यह कैसे करती है, खासतौर पर इस नाप की डंडी? उसे सूँघो। क्या उसमें अभी भी पौधे की खुशबू है? यह कोई एक पेड़ की धमनी से कम नहीं है, जिसे आपने अपने हाथ में पकड़ रखा है। इसके तन्तु सूरज और धरती से आये हैं। इसको वहीं रख दो जहां आपने उसे पाया था और वो फ़िर उसी धरती में बदल जाएगी। मिट्टी से मिट्टी और राख से राख। क्या आप पहले एक दुआ देंगे? आपको कोई सुन नहीं सकता, इसलिए आप जो कहना चाहें, कह दें। [...]

जैसा कि मैंने पहले कहा, जो आपको सीखने की ज़रूरत है, यह अभ्यास ही आपको सिखा देगा। चारों ओर दुआएं बिखेरना शुरू कर दो और संभावना है कि आप ऐसी चीज़ें देखना शुरू कर देंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखी थीं।

अगली बार जब आप हवाई अड्डे पर हों, तो जो लोग प्रस्थान गेट पर आपके साथ बैठे हों, उन्हें दुआ देने का प्रयास करें। उनमें से हर एक किसी महत्वपूर्ण चीज़ से जूझ रहा है। उस माँ को देख रहे हो, जो अपने दो साल के शोर मचाते बच्चे को शांत करने की कोशिश कर रही है? उस विशाल पेट वाले लड़के को देख रहे हो, जिसके चेहरे पर निशान हैं। भले ही आप अच्छी तरह से नहीं जानते कि उनके साथ क्या चल रहा है, आप फ़िर भी उन पर कुछ ध्यान दे सकते हैं। वे भी ठीक आपकी तरह कहीं अपने मार्ग पर हैं। वे भी दो जगहों के बीच हैं, आपकी ही जैसी अनिश्चितता के साथ कि दूसरे छोर पर क्या होगा। एक निःशब्द आशीर्वाद दो और इस बात पर ध्यान दो कि आपके और उस व्यक्ति और बाकी सब व्यक्तियों के बीच की हवा पर क्या असर पड़ता है।
[...]

मैं सिर्फ इतना कह रही हूँ कि यह कोई भी कर सकता है। कोई भी मांग सकता है और कोई भी आशीष दे सकता है, चाहे आपको किसी ने उसकी अनुमति दी हो या नहीं। मैं केवल इतना कह रही हूँ विश्व को आपके ऐसा करने की ज़रूरत है, क्योंकि ऐसे लोगों की बहुत कमी है जो कहीं पर भी दुआएं मांगने के लिए सिर झुकाने को तैयार हो जाते हैं और उस ईश्वरीय शक्ति को समझते हैं जो कभी अपने पतले हाथ, कभी अपने प्यारभरे, हमेशा जीवन-प्रदान करने वाले हाथ उनके सिर पर रखती है। हम सब एक-दूसरे को आशीर्वाद देने में सक्षम हैं यह इस बात का सबूत है कि हमें भी आशीषें मिल चुकी हैं, चाहे हमें याद हो या नहीं। हम एक दूसरे को आशीर्वाद देने के लिए तैयार कर रहे हैं, यह सितारों को भी हिला देने वाला चमत्कार है।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: आप इस धारणा से क्या समझते हैं कि हमारी एक-दूसरे को दुआ देने की क्षमता एक सबूत है कि हमें भी आशीष मिल चुकी है? क्या आप अपना कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँट सकते हैं जब आपने किसी के लिए निशब्द दुआ मांगी हो? निःशब्द दुआ मांगने की साधना ने आपके जीवन पर क्या असर डाला है?

बारबरा ब्राउन टेलर की पुस्तक, विश्व में एक वेदी (ऍन आल्टर इन द वर्ल्ड), के कुछ अंश। वह एक न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्ट सेलिंग लेखक, प्रोफेसर, और एपिस्कोपल पादरी हैं।
 

Excerpted from An Altar in the World, by Barbara Brown Taylor. She is a New York Times best-selling author, professor, and Episcopal priest.


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