Privacy Is Not Possible

Author
Vimala Thakar
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गोपनीयता संभव नहीं है
-- विमला ठाकर ( १७ जून, २०१५)

परंपरागत रूप से, सामाजिक कार्यों में मनोवैज्ञानिक कमजोरियों की जांच करना वर्जित रहा है, अस्वीकार्य रहा है। जब तक एक सामाजिक कार्यकर्ता दूसरों की सेवा में रत रहता, तब तक यह जानना ज़रूरी नहीं समझा जाता था कि क्या वह लालच, ईर्ष्या, क्रोध या भय से ग्रस्त है। "यह मेरा निजी जीवन है, किसी और को उससे क्या मतलब,” यही रवैया रहा है।

सच्चाई तो यह है कि, भीतर का जीवन या मनोवैज्ञानिक जीवन कोई निजी या व्यक्तिगत चीज़ नहीं है, यह बहुत हद तक एक सामाजिक मुद्दा है। यह मन सामूहिक मानवीय प्रयास का परिणाम है। यह तुम्हारा मन या मेरा मन नहीं है, यह एक मनुष्य का मन है। यह एक सामूहिक मानवीय मन है, जो समय के साथ साथ संगठित और मानकीकृत हुआ है। ये मूल्य, मानदंड, मापदंड संगठित समूहों द्वारा आयोजित व्यवहार के उदाहरण हैं। उनमें कुछ भी व्यक्तिगत या निजी नहीं है। इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो गर्व या शर्मिंदगी का कारण बन सके।

एक विचार का जन्म होता है, वह एक लहर के रूप में उत्पन्न होता है, और हमारे चारों ओर तैरने लगता है। हम चाहे अपने कमरे के दरवाज़ों को बंद कर लें, और ऐसा महसूस करें कि हमारे विचारों को कोई नहीं जानता, लेकिन इस तथाकथित एकान्त्य में हम जो करते हैं, उससे हमारे जीवन के आस पास की हर चीज़ पर असर पड़ता है। अगर हम अपने समय को नकारात्मक शक्तियों, नकारात्मक विचारों से पीड़ित हुए बिताते हैं, अगर हम अवसाद, विषाद, कड़वाहट के आगे झुक जाते हैं, तो ये शक्तियां वातावरण को दूषित करती हैं। फिर गोपनीयता कहां है?

हमें एक सामजिक ज़िम्मेवारी की तरह यह सीखना होगा कि है कि हम मन को एक ऐसी चीज़ की तरह देखें जिसका सृजन सामूहिक रूप से हुआ है, और यह समझें कि हमारी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति, सम्पूर्ण मानव हृदय की अभिव्यक्ति है। हमारे विचार और भावनाऐं केवल हममें निहित स्मृतियों का प्लेबैक हैं। जिसे हम में से हर एक "मेरी प्रतिक्रिया” समझता है, वह असल में पूरे समूह की प्रतिक्रिया है।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: आप इस बात से क्या समझते हैं कि आपका आंतरिक और मनोवैज्ञानिक जीवन एक सामाजिक मुद्दा है? क्या आप अपना कोई व्यक्तिगत अनुभव सबसे बांटना चाहेंगे जब आपने अपने मनोवैज्ञानिक और सामाजिक जीवन के बीच गहरे संबंध का अनुभव किया हो? हमारे मन आपस में असल में कितने जुड़े हुए हैं, हम इस बात के बारे में जागरूकता कैसे विकसित कर सकते हैं?

विमला ठाकर एक भारतीय आध्यात्मिक शिक्षक थीं जिनपर गांधी और कृष्णमूर्ति की शिक्षाओं का बहुत प्रभाव हुआ । उनका जीवन दो कदाचित विभिन्न धाराओं को जोड़ते हुए, प्रबु
 

Vimala Thakar was an Indian spiritual teacher who was deeply influenced by the teachings of Gandhi and Krishnamurti. Her life embodied the essence of enlightened consciousness and social responsibility, combining two seemingly divergent streams into one whole life.


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