Sufficiency is Not Abundance

Author
Lynne Twist
23 words, 32K views, 21 comments

Image of the Weekपर्याप्तता प्रचुरता नहीं है
-- लिन ट्विस्ट द्वारा लिखित (३ फ़रवरी, २०१६)

जो संसाधन हमारे जीवन में प्रवाहित होते हैं, हम उन्हें हम सब के भविष्य पर लगाना सीख सकते हैं। हम उन संसाधनों को अपनी सर्वोच्च प्रतिबद्धताओं और आदर्शों पर लगा सकते हैं, चाहे वो संसाधन हमारे जीवन में एक तेज़ बहते बहाव की तरह आ रहे हों या एक पतली धार की तरह। हम अपने धन को या जो धन हमें सौंपा गया है, उसे खुद को पूर्ण करने की अंधाधुंध लालसा की बजाए, अखंडता के भाव से ऐसे इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे सबका फायदा हो।

मैं इसे पर्याप्तता के संदर्भ में जीना कहती हूँ। यह प्रचुरता जैसा नहीं है ( प्रचुरता वो है जो हमारी ज़रूरत से ज़्यादा है - वो अति है), और जिस संदर्भ में मैं बात कर रही हूँ, प्रचुरता महज कमी का दूसरा पहलू है। आप जरूरत से ज्यादा पाने का प्रयास करते हैं क्योंकि आप विश्वास करते हैं या डरते हैं कि आपके पास काफी नहीं है।

पर्याप्तता स्पष्ट है। इसका अर्थ है कि चीज़ें पर्याप्त मात्रा में हैं, ठीक उचित मात्र में। पर्याप्तता का एक सिद्धांत है, और वह इस प्रकार है: जब आप जिस चीज़ की आपको ज़रूरत नहीं है उससे ज़्यादा पाने की कोशिश करना छोड़ देते हैं, जिसे वास्तव में हम सभी और अधिक पाने की कोशिश कर रहे हैं, तो इससे जो हमारे पास है, उससे औरों के जीवन को बदलने के लिए हमें अथाह शक्ति मिल जाती है।

जब आप जो कुछ आपके पास है उससे औरों के लिए कुछ करते हैं, तो वो चीज़ बढ़ जाती है। यह सन्दर्भ 21 वीं सदी के लिए पर्याप्तता के सिद्धांत पर आधारित नई मान्यताओं को उत्पन्न करता है। अगर हम अपनी सारी शक्ति और पाने में लगाने की बजाए, जितना हमारे पास है उससे औरों के जीवन को बदलने का प्रण करने के लिए तैयार हैं, तो... जितना हमारे पास है वो स्वाभाविक और संगठित रूप से बढ़ेगा।

ये नयी मान्यताएं या ये नए संदर्भ धन और जीवन के चारों ओर एक पूरी नई संस्कृति को जन्म दे सकते हैं। यह हमें सिखाते हैं कि कैसे हम इस बात के लिए जाने जाएं कि हम चीज़ों को कैसे बांटते हैं, न कि इसलिए कि हम क्या जमा कर रहे हैं। ये हमें सिखाते कि हम कैसे अपने बाहरी धन को जमा करने की बजाए अपनी भीतरी सम्पत्ति से मापे जाएं और कैसे उसी आधार पर औरों को मापें। दान को जैसे हम अभी समझते हैं, हम उस समझ को खत्म करना सीख सकते है और सही मायने में अपनी सम्पत्ति को लगाकर या अपने आप को एक नए भविष्य में निहित करना शुरू कर सकते हैं जिससे हम सबका भला होगा।

जबकि हम ऐसा सोचते हैं कि कुछ लोग धनवान हैं और कुछ धनहीन, असल में सच तो ये है कि धन गरीब से गरीब किसान से लेकर सबसे धनी उद्योगपति, हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है, लेकिन हमारे जीवन में आने वाले धन को हम किस तरफ लगाते है वो हमें परिभाषित करता है।

एक अमेरिकी अरबपति और ग्वातेमाला का एक किसान, एक यूरोपीय उद्योगपति और इथियोपिया का एक जनसाधारण नेता बराबर की भागीदारी में एक साथ खड़े हो सकते हैं और हम सब के लिए एक नए भविष्य, ऐसा भविष्य जो हम सब की पूर्ति करेगा, उसमें अपना समय, शक्ति और आर्थिक संसाधनों को लगा सकते हैं।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: आप पर्याप्तता से क्या समझते हैं? क्या आप अपना कोई व्यक्तिगत अनुभव बांटना चाहेंगे जब आपको अपने में पर्याप्तता के माध्यम से दूसरों के जीवन को बदलने की अथाह शक्ति का अहसास हुआ हो? ऐसा क्या है जो आपको बाहरी सम्पत्ति से ज़्यादा अपनी आंतरिक सम्पत्ति का आदर करने में मदद करता है?

लिन ट्विस्ट, “धन की आत्मा” में।
 

Lynne Twist, in The Soul of Money.


Add Your Reflection

21 Past Reflections