Every Piece is Meant For You


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हर टुकड़ा आप के लिए बना है
-- वर्जिल कल्याण मित्तता इओरडेक (२८ नवम्बर, २०१६)

बचपन से मुझे पज़ल्स बनाना बहुत पसंद था और बाद में उस पूरे चित्र को देखने का मज़ा। लेकिन यह सब होने के बाद भी, मैंने पाया है कि जीवन सबसे चुनौतीपूर्ण पहेली है जिसका हमें सामना करना ही पड़ता है। यह उन चीजों में से है कि भले ही आप के पास सभी टुकड़े हैं और आप पूरी तस्वीर देख सकते हैं, फिर भी उसे सुलझाने में समय और धैर्य की ज़रूरत पड़ती है।

कभी-कभी, पूरी कहानी के बारे में न पता होने से हमें थोड़ा अधिक चैन महसूस होता है, इस बात की जानकारी न होना कि कठिनाई का स्तर क्या है या कितने टुकड़े लापता हैं, लेकिन सिर्फ एक-एक करके टुकड़ों को जोड़ते जाना। इस दृष्टिकोण के साथ समस्या यह है कि दो टुकड़ों को जोड़ने के लिए यहां हमारे पास जो सुराग हैं वो हैं उनके आकार और फोटो की एक छोटी सी झलक। आमतौर पर हम कोनों और बॉर्डर को बनाने में आसानी महसूस करते हैं, लेकिन बहुत कम ही हम पज़ल के बीच के हिस्से से शुरू करने की हिम्मत करते हैं। हमारी कोशिश होती है कि हम अपने बॉर्डर की सुरक्षा को पकड़े हुए थोड़ा- थोड़ा करके काम करें और बीच की तरफ सिर्फ तब मुड़ें जब टुकड़े अभी भी अपने बॉर्डर या मूल के संपर्क में हैं।

दूसरी ओर, आप उन लोगों में से एक हो सकते हैं जो सीधा बीच में कूद पड़ते हैं और जो सब टुकड़े उनके पास हैं, उन्हें जोड़ने लगते हैं ताकि वो बीच-बीच में पूरी तस्वीर की सच्चाई के छोटे-छोटे हिस्सों तक पहुंच पाएं। आपके बॉर्डर और कोने के टुकड़े जगह पर न होने का अर्थ हो सकता है कि यह समझने के लिए कि यह पज़ल एक दिन ख़त्म हो जाएगा, आपको अपनी सीमाओं को जानने की जरूरत नहीं है।


फिर भी, हर टुकड़े का बराबर महत्व है और वह आपको उस समय सोंपा जाता है जब आपके पास कम से कम कोई मिलता-जुलता टुकड़ा होता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप केवल एक बिंदु या टुकड़े पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखें और अपने संभव कनेक्शनों को सीमित कर लें। खुद को कुछ फैलाओ और आप और भी अधिक कनेक्शन पाएंगे। पज़ल की सच्चाई की जानकारी अलग-अलग आकारों और रंगों में आती है, लेकिन अंत में यह सब जुड़ा हुआ है।

यह जानकारी विभाजित, विभिन्न क्षेत्रों, अलग अलग लोगों, विभिन्न अनुभवों में फैली हो सकती है। याद रखने के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि हर टुकड़ा आप के लिए बना है। आप शायद अभी उसे एक तरफ फेंक दें, और उसे बाद में इस्तेमाल करें, लेकिन वह हमेशा के लिए आपकी पूरी तस्वीर का एक हिस्सा बना रहेगा। अपने पज़ल पर धैर्य के साथ काम करें और सावधानी से आगे बढ़ें और एक उम्मीद की भावना के साथ कि अंत में यह सब आपके उच्चतम अच्छे के लिए ही होगा।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: आप इस बात से क्या समझते हैं कि पज़ल का हर टुकड़ा जिसमें आप खुद को पाते हैं, वह बराबर तौर पर महत्त्वपूर्ण है और आप ही के लिए बना है? क्या आप कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँट सकते हैं जब आपने टुकड़े जुड़ते देखे हों और अंतर्दृष्टि को उभरते देखा हो? कौनसी साधना आपक जीवन को एक जिगसौ पज़ल (jigsaw puzzle ) की तरह लेने में मदद करती है, जो आखिर में बन ही जाता है?

वर्जिल कल्याण मित्तता इओरडेक द्वारा लिखित


 

by Virgil Kalyana Mittata Iordache


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