The Central Commitment Of The Creative Life

Author
Mary Oliver
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Image of the Weekसृजनात्मक जीवन की केंद्रीय प्रतिबद्धता
- मैरी ओलिवर के द्वारा

बौद्धिक कार्य- कभी-कभी, आध्यात्मिक कार्य- निश्चित रूप से, और कलात्मक कार्य - हमेशा, ये ऐसी ताकतें हैं जो इसकी समझ के दायरे में आती हैं, ऐसी ताकतें जो समय के दायरे और आदत के नियंत्रण से परे यात्रा करनी चाहिए। न ही वास्तविक कार्य को पूरे जीवन से अलग किया जा सकता है। मध्य युग के शूरवीरों की तरह, सृजनात्मकता की तरफ झुका हुआ व्यक्ति, खुद की शरीर और आत्मा को, आने वाले श्रम के लिए तैयार करने के अलावा ज़्यादा कुछ नहीं कर सकता - वह आने वाले रोमांचक कारनामों से अज्ञात हैं। सच्चाई यह है कि काम ही रोमांच है। और कोई भी कलाकार अपने काम को असाधारण ऊर्जा और एकाग्रता से कम में नहीं करना चाहेगा। कला के बारे में जो विशेष है, वो है उसकी असाधारणता।

किसी ने अभी तक उन स्थानों की सूची नहीं बनाई है जहां असाधारण हो सकता है और जहां यह नहीं हो सकता है। फिर भी, संकेत हैं। भीड़ के बीच, ड्राइंग रूम में, और सुख-सुविधाओं के बीच, यह शायद ही कभी देखा जाता है। इसे खुला स्थान पसंद हैं। यह एकाग्र मन पसंद करता है। यह एकांत पसंद करता है। इसके, टिकट लेने वाले की तुलना में जोखिम लेने वाले से चिपके रहने की अधिक संभावना है। ऐसा नहीं है कि यह आराम, या दुनिया की निर्धारित दिनचर्या को नापसंद करता है, लेकिन इसका ध्यान दूसरी जगह के लिए है। इसकी चिंता किनारे है, और निराकार से एक रूप का निर्माण है, जो किनारे से परे है।

सृजनात्मक कार्य को उसी तरह की पूर्ण निष्ठा की आवश्यकता होती है जैसी पानी की गुरुत्वाकर्षण के बल के लिए है - इसमें से कोई प्रश्न नहीं हो सकता है । सृजन के जंगल से गुज़रता हुआ एक व्यक्ति जो इस सत्य को नहीं जानता है - जो इसे निगलता नहीं है - वह खो जाता है। वह जो उस छतहीन जगह को अनंत काल तक तरसता नहीं है, उसे घर में रहना चाहिए। ऐसा व्यक्ति पूरी तरह से योग्य है, और उपयोगी है, और यहां तक ​​कि सुंदर भी है, लेकिन वह एक कलाकार नहीं है। इस तरह के व्यक्ति को समयोचित महत्वाकांक्षाओं और उस कार्य को लेना चाहिए जिसकी केवल क्षणिक चमक हो।
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अभी सुबह के छह बजे हैं, और मैं काम कर रहा हूं। मैं अनुपस्थित, लापरवाह, और सामाजिक दायित्वों के प्रति बेपरवाह हूँ, यह वैसा ही है जैसा कि होना चाहिए। टायर सपाट हो जाता है, दांत बाहर गिर जाता है, सरसों के बिना सौ भोजन होंगे। कविता लिखी जाती है। मैंने देवताओं के साथ कुश्ती की है और मैं रोशनी से सना हुआ हूं और मुझे कोई शर्म नहीं है। न ही मेरा अपराधबोध है। मेरी जिम्मेदारी साधारण या सामयिक नहीं है। इसमें सरसों, या दांत शामिल नहीं हैं। यह खोए हुए बटन, या हांड़ी में पक रही सब्ज़ी तक नहीं है। मेरी निष्ठा आंतरिक दृष्टि के लिए है, जब भी और जब भी यह आ सकती है। अगर आपके साथ मेरी तीन बजे बैठक है, और मुझे देर हो रही है तो खुशी मनाइए। अगर मैं बिल्कुल नहीं पहुंचता, तो और भी खुशी मनाइए।

कलात्मक कहलाने लायक कार्य का कोई और तरीका नहीं हो सकता है। और कलाकार को कभी-कभार मिलने वाली सफलता, इस सब की कीमत चुका देती है। पृथ्वी पर सबसे अधिक पछतावा करने वाले लोग वे हैं, जिन्होंने रचनात्मक कार्य के लिए खिंचाव महसूस किया, जिन्होंने अपनी सृजनात्मक शक्ति के आराम और उत्थान महसूस किया, पर इसे न तो शक्ति और न ही समय दिया।

मनन के लिए मूल प्रश्न: आपके लिए 'छत रहित अनंत काल' का क्या अर्थ है? क्या आप ऐसे समय का अनुभव साझा कर सकते हैं जब आप अपनी सृजनात्मक शक्ति को शक्ति और समय, दोनों के साथ सम्मानित करने में सक्षम थे? अपने भीतर की दृष्टि के प्रति अपनी निष्ठा के साथ अपनी प्रतिबद्धताओं में अखंडता को समेटने में आपको क्या मदद करता है?
 

Mary Oliver is one of our era's most beloved and prolific poets -- an American poet who won the National Book Award and the Pulitzer Prize. The Above is from a piece titled “Of Power and Time,” found in her collection, Upstream: Selected Essays (public library).


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