Be Cool to the Pizza Dude

Author
Sarah Adams
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पीट्ज़ा वाले पर शांत रहो
सैरा ऐडम्स (१३ जनवरी, २०१६)

अगर मेरे जीवन में कोई एक बराबर उसूल है तो वो ये कि, "पीट्ज़ा डिलीवरी करने वाले पर शांत रहो; यह अच्छी किस्मत देता है।" पीट्ज़ा वाले पर लगने वाले ये उसूल चार सिद्धांतों से चलते हैं।

सिद्धांत १: पीट्ज़ा डिलीवरी वाले पर शांत रहना विनम्रता और क्षमा कर पाने की एक साधना है। मैं उसे ट्रैफिक में रास्ता दे देती हूँ, उसे बायीं लेन से सुरक्षित रूप से बाहर निकलने देती हूँ, बिना गाली दिए या हॉर्न बजाए उसे अपनी कार की दिशा संकेतक बत्ती चलाना भूलने देती हूँ, क्योंकि मेरी परेशान ज़िंदगी में एक पल तो ऐसा होना चाहिए जब कोई कार मेरे रास्ते में आ जाए या मुझे काटने की कोशिश करे या मुझसे आगे निकल जाए और मैं उसे जाने दूँ। कभी-कभी जब मुझे अपनी लेन पर मलकियत का पूरा अहसास हो जाता है, और मुझे लगता है कि मुझे चुनौती देने की किसी में हिम्मत नहीं है, तो पीट्ज़ा वाला अपनी जंग लगी शैवेट कार में मेरे पास से निकल जाता है। उसकी कार के ऊपर एक प्रकाश स्तम्भ की तरह चमकती हुई पीट्ज़ा की बत्ती मुझे याद दिलाती है कि जब मैं दुनिया के प्रवाह में घूम रही हूँ तो मैं खुद पर संयम रखूं। आखिर, वो इंसान जवान और बूढ़ों, परिवारों और एकमात्र, समलैंगिक और सीधे, काले, गोरे और भूरे, अमीर और गरीब, शाकाहारियों और मांस प्रेमियों, सब को एक तरह से पीट्ज़ा पहुंचा रहा है। जैसे वो आगे बढ़ता है, मैं उसे सुरक्षित रास्ता देती हूँ, संयम का अभ्यास करती हूँ, शिष्टाचार दिखाती हूँ, और अपना गुस्सा नियंत्रित रखती हूँ।

सिद्धांत २: पीट्ज़ा डिलीवरी वाले पर शांत रहना सहानुभूति की एक साधना है। सच्चाई तो यह है: हम सभी ने नौकरी करने के लिए नौकरी ले ली है क्योंकि बिलकुल पैसा न होने से कुछ पैसा होना बेहतर है। मैं ऐसी कई नौकरियों पर टिकी रही और मैं उस तनख्वाह के लिए शुक्रगुज़ार थी जिसका मतलब था कि मुझे अपना नाश्ता अपनी बिल्लियों के साथ नहीं बाँटना पड़ा। ​जीवन के इस बड़े पीट्ज़ा चक्र में, कभी आप गर्मा-गर्म पनीर हैं और कभी जला हुआ क्रस्ट। इस पहिए का बेतरतीब घूमना हमें याद रखना चाहिए।

सिद्धांत 3: पीट्ज़ा डिलीवरी वाले के साथ अच्छा बर्ताव सम्मान की एक साधना है और वो मुझे ईमानदारी से काम का सम्मान करने की याद दिलाती है। मैं इन लोगों के बारे में आपको एक बात बताती हैं: उन्होंने कभी किसी कम्पनी को नहीं हथिआया है और एक सीईओ के रूप में, कभी कृत्रिम रूप से स्टॉक के मूल्य को नहीं बढ़ाया और कंपनी को दिवालियापन के कगार पर खड़े करते हुए, अपने खुद के शेयरों से पैसे नहीं बनाये जिससे भले ही २०,००० लोग नौकरी से हाथ बैठे जबकि सीईओ अपने लिए आलीशान होटल जैसा घर बनवाए। इसकी बजाए वे इंसान इंसाफी की नींद सोते हैं।

सिद्धांत 4: पीट्ज़ा डिलीवरी वाले के साथ शांति का बर्ताव करना समानता की एक साधना है। एक इंसान के तौर पर मेरा माप-तौल, मेरी कीमत है अपने काम को करने में गर्व महसूस करना - कोई भी काम - और जिस सम्मान से मैं औरों के साथ बर्ताव करूँ। मैं दुनिया में सबके बराबर इसलिए नहीं हूँ कि मैं कौनसी कार चलाती हूँ, मेरे पास कितना बड़ा टीवी है, मैं कितना भार उठा सकती हूँ, या कौनसे समीकरणों को हल कर सकती हूँ। जिन सब लोगों से मिलती हूँ, मैं उनके बराबर हूँ तो अपने मन में अच्छाई के कारण। और वो सब यहीं से शुरू होता है - पीट्ज़ा डिलीवरी वाले के साथ।

उसे अच्छे से टिप दें, दोस्तों और भाइयों, क्योंकि जो आप स्वेच्छा से और खुले दिल से देंगे, वो आपको वापिसी में अच्छी किस्मत देगा जो एक आभारी ब्रह्मांड आपको वापिस लौटाना जानता है।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: ज़िंदगी के बरतर्तीब घूमते हुए चक्र से आप क्या समझते हैं? क्या आप कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँटना चाहेंगे जब आप स्वामित्व के विचार से परे जाकर औरों को जगह दे पाने में समर्थ हुए हों? इस लेख के कौनसे सबक ऐसे हैं जो आपको अपने जीवन में प्रयोग करने लायक लगे?

सैरा एडम्स ने बहुत सी नौकरियां कीं, जैसे टेलीमार्केटर, फैक्टरी मजदूर, होटल क्लर्क, और फूलों की दुकान में कैशियर, लेकिन उन्होंने कभी पीट्ज़ा डिलिवरी नहीं की। कनैटिकट में जन्मी, और विस्कॉन्सिन में पली-बढ़ी, एडम्स अब वाशिंगटन में रहती हैं, जहाँ वो ओलंपिक कॉलेज में एक अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं। यह लेख शुरू में “दिस आई बिलीव” (मैं यह विश्वास करता हूँ) में प्रकाशित हुआ था।
 

Sarah Adams has held a number of jobs in her life, including telemarketer, factory worker, hotel clerk, and flower shop cashier, but she has never delivered pizzas. Born in Connecticut and raised in Wisconsin, Adams now lives in Washington where she is an English professor at Olympic College.  This article was originally published in This I Believe.


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