Deep Inquiry: Not for the Faint of Heart

Author
Gangaji
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Image of the Weekगहरी खोज: कमज़ोर दिल वालों के लिए नहीं

- गंगाजी (२० जनवरी, २०१४)

असली आध्यात्मिक खोज, कलात्मक या वैज्ञानिक खोज की तरह, हमें ताज़ा अंतर्दृष्टिपूर्ण विचार और ईश्वरीय प्रकाश को सामने लाने का आनंद देती है, लेकिन अगर हम आखिरी अंतर्दृष्टि को ऐसे पकड़े रहें जैसे कोई चीज़ जिसे हम जानते हैं, तो वह चीज़ बासी हो जाती है।

असल आध्यात्मिक फायदा तब है जब अंतर्दृष्टि ज़िंदा और ताज़ा हो। इस बात पर ध्यान दिए बिना कि हमें अतीत से क्या याद है या हमने अतीत से क्या खोज निकाला है, हर बार जब यह प्रश्न हम दिल से पूछते हैं, तब हम फिर वहीं पहुँच जाते हैं जहाँ यह नहीं जाना जा सकता कि परिणाम क्या होगा, या होना चाहिए। खोज के लिए किसी सिद्धांत की आवश्यकता नहीं है। अधिकता, द्वैतता या अद्वैतता के किसी विचार की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में, हमें खोज करने के लिए सभी सिद्धांतों और विचारों से हटा देना होगा। ज़रुरत है तो बस परिणाम से जागरूक और सच्ची अनासक्ति रखने की ततपरता की।

गहरी खोज डरपोक और कमज़ोर दिल वालों के लिए नहीं है। यह उन लोगों के लिए है जो आशंकाओं और परेशानियों के बावज़ूद तत्पर और तैयार हैं। यह परिपक्व हो पाने के लिए एक चुनौती और निमंत्रण है। यह दूसरों की खोजों पर हमारे पिछले भरोसे को छोड़ देने का निमंत्रण है, और साथ ही औरों की खोजों से हमें अपनी खोज पर पहुंचने के लिए प्रोत्साहित और बाध्य करने का निमंत्रण।

यह खोज केवल किसी चीज़ का सामना करने का एक तरीका ही नहीं है। यह मानवीय चेतना में एक अवर्णनीय निश्चितता, कि हम में अपने आप उस सच्चाई को खोज लेने की क्षमता है, को छोड़कर निश्चितता और दिलासा दिलाने के लिए मौज़ूद नहीं है। यह चीज़ों का फैलाव बढ़ाने का तरीका है। यह हमारे मन को ज्ञात सीमाओं से परे सोचने का बुलावा है, और इस तरीके से खोज हमारी आत्मा की परिपक्वता और विकास करने का सहारा है। यह हम जैसे हैं वैसे ही अनुभव करने के लिए हमें अपने आप को परिभाषित करने की ज़रूरत से मुक्त करता है। यह हमें विनम्र बनाता और असीम आनंद का स्त्रोत्र भी है, लेकिन यह हमें नई परिभाषाओं और कहानियों का एक स्पष्ठ बंडल भी प्रदान नहीं करता।

इस खोज में चुनौती यह है कि जो कुछ बिना किसी संदर्भ अंकों के मौज़ूद है, आप उसे सीधे ढूंढ निकलने के लिए तैयार हों। खोज कोई सामान्य चुनौती नहीं है, क्योंकि यह जो आंतरिक और बाहरी दुनिया हमने खड़ी कर रखी है, हमें उसका अंत देखने पर मज़बूर करती है, बिना यह जाने कि उनकी जगह कौन लेगा। नींद में हमें इस स्वनिर्मित दुनिया को छोड़ पाने का अनुभव है, और हर स्तर पर हम अपनी भलाई के लिए उस अनुभव का आनंद लेते हैं और उसकी हमें ज़रूरत भी है।

खोज की चुनौती सचेत रहते हुए उस स्वनिर्मित ​दुनिया को छोड़ पाने में सामने आती है।

- गंगाजी

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: गहरी खोज से आप क्या समझते हैं? क्या आप अपना कोई व्यक्तिगत अनुभव बांटना चाहेंगे जहाँ आपको असल आध्यात्मिक खोज करने के लिए किन्हीं आशंकाओं से जूझना पडा हो? "सचेत रहते हुए स्वनिर्मित दुनिया को छोड़ देना" से आप क्या समझते हैं?


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