Dropping That Drug

Author
Anthony de Mello
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Image of the Weekउस दवा को छोड़ना
- अन्थोनी दे मेल्लो

अगर हम सच में ये सारे भ्रम की, दुसरे लोग हमें क्या दे सकते हैं या हमे किन वस्तुओं से वंचित कर सकते हैं छोड़ दें तो हम सतर्क हो जायेंगे। ऐसा न करने के परिणाम बहुत भयानक होंगे और हम इन परिणामो से बच भी नहीं पायेंगे - हम प्रेम करने की हमारी क्षमता खो देंगे। अगर आप प्रेम करना चाहते हैं, तो आपको फिर से देखना सीखना पड़ेगा। और अगर आप देखना चाहते हैं, तो आपको ये दवा छोडनी पड़ेगी। ये इतना सरल है। अपनी निर्भरता छोड़ दीजिये। काट डालिए समाज के उस जाल को जिसने आपके अस्तित्व को जकड रक्खा है और जिसमें उसे घुटन महसूस हो रही है। आपको उन्हें छोड़ देना चाहिए।

बहार से सब पहले जैसा ही चलेगा, पर आप दुनिया में रहते हुए भी उस दुनिया के नहीं रहेंगे। अपने ह्रदय में अब आख़िरकार अब आप मुक्त होंगे, भले ही एकदम अकेले। आपकी दवा पे आपकी निर्भरता ख़त्म हो जाएगी। आपको रेगिस्तान जाने की जरुरत नहीं है; आप लोगों के बीचो बीच हैं; आप उनसे बेहद आनंद ले रहे हैं। पर वे लोग अब आपको सुखी या दुखी नहीं कर सकते। अकेलेपन का ये मतलब है। इस एकांत में आपकी निर्भरता ख़त्म हो जाती है। प्रेम करने की क्षमता का जन्म होता है। अब कोई दूसरों को व्यसन-पूर्ति के साधन के रूप में नहीं देखता।

केवल वह जिसने ऐसा करने का प्रयत्न किया होगा, वही इस प्रक्रिया की भयानकता से परिचित होगा। यह अपने आपको मृत्यु का निमंत्रण देने जैसा है। यह उस बेचारे दवा के आदि हो चुके व्यक्ति को, एक मात्र ख़ुशी जो वह जानता है छोड़ने को कहने जैसा है। इस ख़ुशी की जगह हम कैसे रोटी और फल के स्वाद, सुबह की निर्मल हवा और पहाड़ से निकलते झरने के मीठे पानी के स्वाद का आनंद ला सकते हैं? जबकि वह अपने विनिवर्तन लक्षणों ( withdrawal symptoms ) और दवा के न होने से पैदा हुए खालीपन से जूझ रहा है। उसकी दवा के आलावा उस खालीपन को और कोई नहीं भर सकता। क्या आप ऐसे जीवन की कल्पना कर सकते हैं जिसमें आप प्रशंसा के एक शब्द से भी आनंद लेने की इच्छा न करें और सहायता के लिए कोई कन्धा न ढूंढे? एक ऐसे जीवन के बारे में सोचें जिसमें आप भावनात्मक रूप के किसी पर भी निर्भर न हों, ताके किसे में भी आपको सुखी या दुखी करने की क्षमता न हो।

आपको किसी विशेष व्यक्ति की जरुरत नहीं है, आप किसी के लिए विशेष नहीं हैं नहीं आप किसी को अपना कहते हैं। पक्षियों के पास अपने घोंसले हैं, लोमड़ियों के पास गुफाएं हैं पर आपके पास जीवन की इस यात्रा में सर छुपाने के लए कोई जगह नहीं है। अगर आप इस स्तिथी तक पहुँचते हैं तब आप आख़िरकार जान पायेंगे कि एक ऐसी दृष्टी से देखना जो साफ़ है और इच्छा या भय से रहित है का क्या मतलब होता है। वहां हर शब्द नापा हुआ है। आख़िरकार ऐसी दृष्टी से देखना जो साफ़ है और इच्छा या भय से रहित है। आप तब जान पायेंगे प्रेम करने का सार्थक अर्थ।



आत्मनिरिक्षण के लिए प्रश्न :-

निर्भरता की दवा से आप क्या समझते है?
ब्रह्माण्ड की अंतरनिर्भरता और निर्भरता की दवा के बीच आप सामंजस्य कैसे बिठाते हैं?
क्या आप ऐसे समय का निजी अनुभव हमारे साथ बाँट सकते हैं, जब आपने निर्भरता की दवा छोड़ी और आज़ादी का अनुभव किया?









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