What You Do Afterwards


Image of the Weekजो आप बाद में करते हैं
-कीथ सॉयर

रचनात्मकता, आप जो बाद में करते हैं, उसके बारे में हैं।

मै, माइल्स डेविस ने जैज़ संगीत में आशुरचना (improvisation) के बारे में जो कहा था, उसके बारे में सोच रहा हुँ: "आप जो स्वर बजाते हैं, वह गलत नहीं है - आप जो स्वर उसके बाद बजाते हैं, वह उसे सही या गलत बनाता है। "

आशुरचना में किसी कार्य का अर्थ आप को बाद में पता चलता है। समूह उस कार्य का अर्थ बनाता है, उस कार्य को प्रतिक्रिया देते हुए। आशु-नाट्यकला में ये हमेशा होता है, और यही उसे इतनी रचनात्मक शक्ति प्रदान करता है। मै इसे पूर्व-प्रभावी अर्थघटन करना कहता हूँ। आशु-नाट्यकला में कलाकार जान बुझ कर अस्पष्ट संवाद बोलते हैं, जिनके कई मतलब निकल सकते हैं। कलाकार ये जान बुझ कर करते हैं - इसलिए नहीं के वे आलसी विचारक हैं, या वो सिर्फ समय पूरा करना चाहते हैं। इन अस्पष्ट संवादों में अर्थ भरना बहुत रचनात्मक कार्य है। ऐसा कुछ कहना आसान नहीं है जो नाटक के दृश्य के लिए संभावनाएं खोले और भविष्य के लिए संभावनाएं बंद न करें, पर ऐसा कुछ जो दृश्य को आगे बढ़ाये, जो साथी कलाकारों को काम करने के लिए कुछ दे। कलाकार जानते हैं के उनके अभिनय के बाद बोला जानेवाला आशु-संवाद उस अभिनय को अर्थ देगा।

मुझे ये विचार बहुत आकर्षक लगता है! कल्पना करो:अपने अभिनय का अर्थ समझे बिना अभिनय करना। इस विश्वास के साथ अभिनय करना के समूह बाद में उस अभिनय का अर्थघटन कर लेगा। अपने कार्यों के अर्थ का नियंत्रण छोड़ते हुए अभिनय करना।

ऐसा हम अपने प्रतिदिन के जीवन में नहीं करते। जब आप कुछ कहते हैं, वो आपका कहा है। आप उसका अर्थघटन करते हैं। अगर कई उसका कुछ और अर्थघटन करता है तो आप तुरंत उसे अपने अनुसार सुधारते हैं। आशु-नाट्यकला में आपको संवाद के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलना पड़ेगा। आप को संवाद के अर्थ पर नियंत्रण छोड़ना पड़ेगा। संवाद अर्थ गढ़ता है, न के निजी वक्ता। संवाद का अपना अलग जीवन बनता है। हर वक्ता के साझा, क्रमबद्ध उद्गारों से अर्थ निकलता है।

सामूहिक आशु-रचना में, कोई एक व्यक्ति तय नहीं करता के पूर्ण-अर्थ क्या है। कोई एक व्यक्ति अपने कार्य का अर्थ भी तय नहीं कर सकता। समूह बनाता है, व्यक्ति नहीं।

मनन के लिए बीज प्रश्न :

अपने अभिनय के अर्थ पर नियत्रण छोड़ते हुए अभिनय करना - इस भाव से आप कैसे जुड़ते हैं?
क्या आप अपना निजी अनुभव बाँट सकते हैं जब आपने अपने कार्य और उसके अर्थ पर अपना नियत्रण छोड़ते हुए कार्य किया?
अपने कार्य से संभावनाएं खोलने के प्रति आप को क्या सजग रखता है?


कीथ सॉयर ग्रुप जीनियस के लेखक हैं। यह लेख निचे दी गयी कड़ी से उद्धृत है :
https://keithsawyer.wordpress.com/2017/12/11/what-you-do-afterwards/
 

Excerpted from hereKeith Sawyer is the author of Group Genius.


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